Monday 4 April 2016

फालसा फल के लाभ

फालसा गरमी से राहत दिलाता ही है और शरीर के लिए भी बहुत पौष्टिक भी है |
गर्मियों के सबसे लोकप्रिय फलों में फालसा प्रमुखत: से शामिल है | अपने लाजबाव स्वाद के कारण फालसा आहार सबके पसंदी का फल है | पके हुये फालसे को नमक, कालीमिर्च और चाट मसाला मिलाकर खाया ही नहीं जाता बल्कि इसका शरबत भी काफी लोकप्रिय है | पोषक तत्वों की खान, छोटे से फल फालसा को पोषक तत्वों की खान और एंटी ओक्सिडेंट कहना गलत न होगा | देखा जाय तो फालसा फल का ६९% भाग ही खाने लायक होता है | बाकी हिस्से में गुठली होती है | इसमें मौजूद मँग्नेसियम, पोटेसियम, सोडियम, फोस्फरस, केल्शियम,
प्रोटीन, कार्बोहैड्रेट, लोहा, विटामिन ए और विटामिन सी जैसे पोषक तत्व इसे हमारे लिए सेहत का खजाना बना देते है |


फालसा में गरमी के मौसम संबधित समस्याओं को दूर करने की अदभुत क्षमता होती है | फालसे के रस को शांत, ताजा और आसानी से पचने और गरमी में प्यास से राहत पहुंचाने वाला आदर्श ठंडा टॉनिक भी कहा जाता है | इसका उपयोग शारीरिक विकारों और बीमारीयों के ईलाज के लिए किया जाता रहा है | ये पित्ताशय और जिगर की समस्याओं को दूर करता है | फालसे में थोडा कसैला पन भी है | जो शरीर से अतिरिक्त आम्लता को कम करके पाचन सबंधी समस्याओं दूर करता है | ये अपचक की समस्या से मुक्ति दिलाता है और भूख भी बढाता है | विटामिन सी और खनिज तत्वों से भरपूर फालसे से सेवन से रक्तचाप और कोलेस्ट्रोल के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है | इससे ह्रदय रोग का खतरा कम हो जाता है | अस्थमा और ब्रोमकैस्टेक के रोगीयों को फालसा खाने से साँस की तकलिफ में राहत मिलती है | हाल में ही हुये वैज्ञानिक शोधों से ये बात सामने आयी है कि फालसा में रेडिओंधर्मी क्षमता भी होती है इस कारण ये कैंसर से लढने भी शरीर को सहायता करता है | anemia से बचाता है |
इससे मस्तिष्क की गरमी और खुश्की भी दूर होती है | खनिज लवणों की अधिकता होने कारण इसे खाने से शरीर में Hemoglobin भी बढ़ता है और anenia से बचाव होता है | इसके सेवन से मूत्रसबंधी समस्याओं से राहत मिलती है | लू से भी करता है रक्षा | फालसे का रस गर्मीयों में चलने वाली लू और उससे होने वाले बुखार से बचाने में ख़ास भूमिका निभाता है | अगर आपका स्वभाव चिडचिडा है तो फालसे को किसी भी रूप में खायें लाभ होगा | उलटी और गबराहट दूर करता है | धुप में रहने के कारण शरीर के खुले अंगों पर होने वाली लालिमा, जलन, सुजन और कालेपन को दूर करने में भी ये मदद करता है | विटामिन सी से भरपूर फालसे का खट्टा-मीठा रस खाँसी-जुकाम को रोकने और गले में होने वाली समस्याओं से निजात पाने के लिए काफी प्रभावशाली होता है |

पेट का शूलः 
सिकी हुई 3 ग्राम अजवाइन में फालसा का रस 25 से 30 ग्राम डालकर थोड़ा सा गर्म कर पीने पेट का शूल मिटता है।

पित्तविकारः 
गर्मी के दोष, नेत्रदाह, मूत्रदाह, छाती या पेट में दाह, खट्टी डकार आदि की तकलीफ में फालसा के रस का शर्बत बनाकर पीना तथा अन्य सब खुराक बन्द कर केवल सात्त्विक खुराक लेने से पित्तविकार मिटते हैं और अधिक तृषा में भी राहत होती है।

हृदय की कमजोरीः 
फालसा का रस 50 मि.ली, नींबू का रस 5 मि.ली., सेंधा नमक एक चुटकी, काली मिर्च एक चुटकी लेकर उसमें स्वाद के अनुसार मिश्री या शक्कर मिलाकर पीने से हृदय की कमजोरी में लाभ होता है।

पेट की कमजोरीः 
पके फालसे के रस में गुलाबजल तथा शक्कर मिलाकर रोज पीने से पेट की कमजोरी दूर होती है और उलटी, उदरशूल, उबकाई आना आदि तकलीफें दूर होती हैं व रक्तदोष भी मिटता है।

दिमाग की कमजोरीः 
कुछ दिनों तक नाश्ता के स्थान पर फालसा का रस 50 मि.ली. पीने से दिमाग की कमजोरी तथा सुस्ती दूर होती है, फुर्ती और शक्ति प्राप्त होती है।

मूढ़ या मृत गर्भ में
कई बार गर्भवती महिलाओं के गर्भाशय में स्थित गर्भ मूढ़ या मृत हो जाता है। ऐसी अवस्था में गर्म को जल्दी निकालना तथा माता का प्राण बचाना आवश्यक होता है। ऐसी परिस्थिति में अन्य कोई उपाय न हो तो फालसा के मूल को पानी में घिसकर उसका लेप गर्भवती महिला की नाभि के नीचे पेड़ू, योनि और कमर पर करने से पिण्ड जल्दी बाहर आ जायेगा।

श्वास, हिचकी, कफः 
कफदोष से होने वाले श्वास, सर्दी तथ हिचकी में फालसा का रस थोड़ा गर्म करके उसमें थोड़ा अदरक का रस और सेंधा नमक डालकर पीने से कफ बाहर निकल जाता है तथा सर्दी, श्वास की तकलीफ और हिचकी मिट जाती है।

मूत्रदाहः 
पके फालसे 25 ग्राम, आँवले का चूर्ण 5 ग्राम, काली द्राक्ष 10 ग्राम, खजूर 10 ग्राम ले। फिर खजूर, द्राक्ष और फालसा को आधा कूट लें। रात्रि में इन सबको पानी में भिगो दें। सुबह उसमें 20 ग्राम शक्कर डालकर अच्छी तरह से मिश्रित करके छान लें। उसके दो भाग करके सुबह-शाम दो बार पियें। खाने में दूध, घी, रोटी, मक्खन, फल और शक्कर की चीजें लें। तमाम गर्म खुराक खाना बन्द कर दें। इस प्रयोग से मूत्र की, गुदा की, आँख की, योनि की या अन्य किसी भी प्रकार की जलन मिटती है। महिलाओं को रक्त गिरना, अति मासिकस्राव होना तथा पुरुषों का प्रमेह आदि मिटता है। दिमाग की अनावश्यक गर्मी दूर करता है।

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