Tuesday 15 March 2016

ये है बूढ़ो को जवान बनाने वाली स्पेशल आयुर्वेदिक दवाई



घरेलू उपाय: ये है बूढ़ो को जवान बनाने वाली स्पेशल आयुर्वेदिक दवाई

लोग जवान बने रहने के लिए कई तरह के कॉस्मेटिक्स का उपयोग करते हैं। लेकिन कॉस्मेटिक्स त्वचा को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाते हैं जिसके कारण समय से पहले ही अधिक उम्र दिखाई देने लगती है दरअसल उम्र पर असली असर खान-पान का पड़ता है कास्मेटिक्स का नहीं। इसीलिए हमेशा जवान बने रहने के लिए जवानी को फिर पाने के लिए या हमेशा जवान बने रहने के लिए आयुर्वेद में अनेक जड़ीबूटियों के नाम हैं जिनसे बुढ़ापा दूर रहता है। 

ताउम्र जवान दिखाई देना हर इंसान की चाहत होती है। यही कारण है कि लोग जवान बने रहने के लिए कई तरह के कॉस्मेटिक्स या दवाइयों का उपयोग करते हैं। कोई भी बिना अपने खान-पान पर ध्यान दिए हमेशा जवान बना रहे, ऐसा संभव नहीं है। इसलिए हमेशा खूबसूरत और जवान दिखने के लिए खान-पान पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। आयुर्वेद में ऐसी अनेक चीजों के बारे में बताया गया है, जिनका नियमित सेवन कर आप हमेशा जवान बने रह सकते हैं। आज हम आप को उन्हीं में से कुछ चीजों के बारे में बता रहे हैं….

अपनाएं ये सदियों पुराने नुस्खे हमेशा जवान दिखने के लिए

1. भृंगराज चूर्ण 100 ग्राम, आमल की चूर्ण 50 ग्राम, तिल 50 ग्राम, इन तीनों में गुड़ मिलाकर इसका सेवन 10 से 12 ग्राम मात्रा में रोजाना करें।आयुर्वेदिक मान्यता है कि इस योग का सेवन बूढ़े को भी जवान बना देता है। दिन के खाने में दाल, चोकर युक्त रोटी लें। रात में गाय के दूध का सेवन करें।

2. खाली पेट बाल हरड़ खाएं। शाम को दूध जरूर पिएं। रोजाना हरड़ लेते रहने से व आंवले का उपयोग करते रहने से, दूध घी पीने से यौवन हमेशा बना रहेगा।

3. विटामिन सी से भरपूर चीजों के सेवन से जल्दी बुढ़ापा नहीं आता है। आंवले को विटामिन सी से भरपूर माना गया है। इसलिए रोजाना कम से कम एक आंवले का सेवन करना चाहिए। साथ ही, एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर फल भी खाने चाहिए।

4. त्रिफला को आयुर्वेद में शरीर की लगभग हर बीमारी के लिए बहुत अच्छी औषधि माना गया है। त्रिफला से पेट से जुड़ी समस्याएं जड़ से मिट जाती हैं। रोजाना त्रिफला का सेवन मौसम अनुसार आयुर्वेदिक विधि से करें। इससे यौवन उम्र भर बना रहता है।

5. सुबह दूध, दोपहर में सब्जी, दाल, चोकर युक्त रोटी खाएं। रात्रि में गाय के दूध का सेवन करें।च्यवनप्राश जरूर खाएं। ज्यादा पानी पिएं।



6. अमृतावर्णरस, बसन्तसुकुमार के रस का उपयोग 250 मिलीग्राम की मात्रा दिन में एक बार शहद में मिलाकर करें।आयुर्वेद के अनुसार इन रसायनों का सेवन 40 वर्ष की उम्र में करना अच्छा रहता है, क्योंकि यह एक ऐसी अवस्था है, जब व्यक्ति में शारीरिक धातुओं का विकास पूर्णता प्राप्त कर चुका होता है।

7. हर व्यक्ति को प्रतिदिन कम से कम छह घंटे आराम की नींद लेना बहुत जरूरी है। ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियों का सेवन करें। संभव हो तो जंक फूड और नॉनवेज को बंद कर दें। इस तरह के खाने से शरीर में चर्बी बहुत तेजी से बढ़ती है। इससे हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता कम होती जाती है। कोई भी बीमारी जल्द ही आपको प्रभावित कर लेती है। सात्विक खाना खाएं और योगासन करें। आपकी जवानी लंबे समय तक बनी रहेगी।

8. डार्क चॉकलेट, वाइन पीना, सामाजिक बने रहना और हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करना, ये ऐसी बातें हैं जो हर आदमी अपना सकता है। ऐसी छोटी-छोटी बातें ही इंसान को सदा जवान बने रहने में मदद करती हैं। इसके अलावा हमेशा खुशमिजाज रहना, दूसरों के साथ जल्दी घुलना-मिलना भी इसमें काफी सहायता करता है।

9.  वृद्धों को शक्ति वर्धक चीजें जैसे बादाम, किशमिश, सेब, अमरूद, केला, टमाटर, लौंग, मुनक्का, आंवला, संतरा, छुआरे, खजूर, अंजीर, अखरोट, घी, दूध, आदि का सेवन करना चाहिए।

10.ऐन्द्री, ब्राह्मी, आरकाकोली, क्षारपुष्पी, मण्डी, महामुण्डी, शतावरी, विदारीकंद, जीवन्ती, पुनर्नवा, नागबला, शालपर्णी, वचा, छत्रा अतिछत्रा, मेदा, महामेदा और जीवनीय द्रव्यों को दूध के साथ छ: महीने तक सेवन करने से उम्र लंबी होती है और बुढ़ापे के रोग शरीर से दूर रहते हैं। 

कायाकल्प योग --सर्व रोग दूर करे ---



बुढ़ापे की आई सभी तरह की कमजोरी को दूर करता है ये योग
भृंगराज और काले तिल 250-250 ग्राम आवला 125 ग्राम लें।
सबको अलग अलग पीस छान कर 500ग्राम पुराना गुड अथवा शक्कर मिला कर प्रात 2 टेबल स्पून यानि 12 ग्राम सेवन करें। ( शुगर रोग वाले शक्कर नहीं मिलाये )
सर्व रोग दूर होते हैं। 

अगर एक वर्ष खाएं तो अँधा देखने गूंगा बोलने और बहरा सुन ने लग जाता है। सफेद बाल काले हो जाते हैं। जिस के दांत गिर गये हैं फिर से आ जाते हैं। आयु दीर्घ होती है। बल बुद्धि वीर्य बढ़ता है। 

इसको दूध के साथ लेना है ..पानी के साथ भी ले सकते है |
इसके सेवन काल में यद्यपि दुग्धपान का विधान है पर जिन्होंने इसका सेवन किया उन्होंने दूध भात लिया था। 

इस प्रयोग से झुर्रियां मिट जाती है। 

केश जङ से काले निकलते हैं। 

श्रवण शक्ति बढती है वाणी विकार दूर होते हैं। स्मरणशक्ति अद्भुत हो जाती है।

नेत्र विकार दूर हो कर नेत्रज्योति बढ़ जाती है। 

एक महीने के बाद लाभ होने लगता है। 

सभी प्रकार के उदरमय रोग ठीक हो जाते हैं। 

तीन महीने में वाणी मधुर हो जाती है। स्मरणशक्ति बढ़ जाती है। शारीरिक पीड़ा जोड़ों का दर्द अनिद्रा और चिडचिडापन मिट जाता है।

हर घटक द्रव्य शुद्ध और ताजा ही लें और इस सरल योग का लाभ उठायें।
कोई भी व्यक्ति ले सकता है |

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